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"ये नन्दगाँव ते आये इहां उत आई सुता वह कौनहू ग्वाल की / पद्माकर" के अवतरणों में अंतर

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डीठि सी डीठि लगी उनको इनके लगी मूठि सी मूठि गुलाल की ।
 
डीठि सी डीठि लगी उनको इनके लगी मूठि सी मूठि गुलाल की ।
  
'''पद्माकर का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल मलहोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।
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'''पद्माकर का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।
 
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10:50, 3 जून 2009 के समय का अवतरण

ये नन्दगांव ते आये इहां उत आई सुता वह कौनहू ग्वाल की ।
त्यों पदमाकर होत जुराजुरी दौउन फाग करी इहि ख्याल की ।
डीठ चली उनकी इनपै इनकी उनपै चली मूठि उताल की ।
डीठि सी डीठि लगी उनको इनके लगी मूठि सी मूठि गुलाल की ।

पद्माकर का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।