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"बरसै बदरिया सावन की / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर
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19:01, 24 जून 2009 के समय का अवतरण
बरसै बदरिया सावन की,
सावन की मनभावन की ।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा,
भनक सुनी हरि आवन की ॥
उमड घुमड चहुं दिस से आयो,
दामण दमके झर लावन की ।
नान्हीं नान्हीं बूंदन मेहा बरसै,
सीतल पवन सुहावन की ॥
मीरा के प्रभु गिरघर नागर,
आनन्द मंगल गावन की ॥