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"म्हारो अरजी / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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तुम सुणो जी म्हारो अरजी।<br>
 
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भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी।<br>
 
भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी।<br>

19:24, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

तुम सुणो जी म्हारो अरजी।
भवसागर में बही जात हूँ काढ़ो तो थारी मरजी।
इण संसार सगो नहिं कोई सांचा सगा रघुबरजी।।
मात-पिता और कुटम कबीलो सब मतलब के गरजी।
मीरा की प्रभु अरजी सुण लो चरण लगावो थारी मरजी।।