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"आय मिलौ मोहि / मीराबाई" के अवतरणों में अंतर

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राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर में जागी री।<br>
 
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तड़पत-तड़पत कल न परत है, बिरहबाण उर लागी री।<br>
 
तड़पत-तड़पत कल न परत है, बिरहबाण उर लागी री।<br>

19:24, 24 जून 2009 के समय का अवतरण

राम मिलण के काज सखी, मेरे आरति उर में जागी री।
तड़पत-तड़पत कल न परत है, बिरहबाण उर लागी री।
निसदिन पंथ निहारूँ पिवको, पलक न पल भर लागी री।
पीव-पीव मैं रटूँ रात-दिन, दूजी सुध-बुध भागी री।
बिरह भुजंग मेरो डस्यो कलेजो, लहर हलाहल जागी री।
मेरी आरति मेटि गोसाईं, आय मिलौ मोहि सागी री।
मीरा ब्याकुल अति उकलाणी, पिया की उमंग अति लागी री।