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"जीवन के रंग / किरण मल्होत्रा" के अवतरणों में अंतर

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02:24, 4 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

जीवन के
रंग भी
कोई समझ पाया है
बहते पानी को
कोई रोक पाया है

आज गम है
तो कल खुशी
आज दोस्त है
तो कल अजनबी

जितनी जल्दी
दिन नहीं ढलता है
उतनी जल्दी
चेहरे बदल जाते है

जो आज
तुम्हारा है
कल किसी
और का
हो जाता है

सब कुछ
मिट जाता है
चंद यादें
रह जाती हैं

जो सिर्फ़
तुम्हारी होती है
सिर्फ तुम्हारी