भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"दूरियाँ / इला प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=इला प्रसाद }} <poem> सब कुछ बड़ा है यहाँ आकार में इस ...) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:22, 14 जुलाई 2009 का अवतरण
सब कुछ बड़ा है यहाँ
आकार में
इस देश की तरह
असुरक्षा, अकेलापन और डर भी
तब भी लौटना नहीं होता
अपने देश में।
वापसी पर
अपनों की ही
अस्वीकृति का डर
कचोटता है।
वहाँ भी
सम्बन्ध तभी तक हैं
जब तक दूरियाँ हैं!