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21:19, 24 जुलाई 2009 के समय का अवतरण

खिलता है गुलाब
मुरझाता है

खिलता है गुलाब
सूख जाता है निष्प्राण

लेकिन
ख़ुशबू उसकी भर जाती है
कारागार में
और गुस्सा जगाती है क़ैदियों का