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सूरज की शुआएँ हैं | सूरज की शुआएँ हैं | ||
नज़मों के लिफाफ़ों में कुछ मेरे तजुर्बे हैं, | नज़मों के लिफाफ़ों में कुछ मेरे तजुर्बे हैं, | ||
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कुछ मेरी दुआएँ हैं | कुछ मेरी दुआएँ हैं | ||
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निकलोगे सफ़र पर जब यह साथ में रख लेना, | निकलोगे सफ़र पर जब यह साथ में रख लेना, | ||
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शायद कहीं काम आएँ | शायद कहीं काम आएँ | ||
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22:02, 14 अगस्त 2009 के समय का अवतरण
कुछ ख़्वाबों के ख़त इन में , कुछ चाँद के आईने ,
सूरज की शुआएँ हैं
नज़मों के लिफाफ़ों में कुछ मेरे तजुर्बे हैं,
कुछ मेरी दुआएँ हैं
निकलोगे सफ़र पर जब यह साथ में रख लेना,
शायद कहीं काम आएँ