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"आखर अनन्त / विश्वनाथप्रसाद तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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16:31, 20 अगस्त 2009 के समय का अवतरण

मैंने नहीं छोड़े
तानाशाह के जन्मदिन पर पटाखे
मुझे सन्तोष है

मुझे सन्तोष है
मैंने सपने देखे
जो पूरे नहीं हुए

मैंने प्रेम किए इकतरफ़े
मुझे सन्तोष है

मुझे सन्तोष है
मैंने चुराए कुछ अमर बीज
और छींट दिए काग़ज़ पर
आखर अनन्त ।