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सीखो आँखें पढ़ना साहिब / गौतम राजरिशी
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13:02, 15 सितम्बर 2009
<poem>
सीखो आँखें पढ़ना साहिब
होगी
मश्किल
मुश्क़िल
वरना साहिब
सम्भल कर तुम दोष लगाना
Shrddha
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