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"प्राण रमा पतझार सजनि / महादेवी वर्मा" के अवतरणों में अंतर

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प्राण रमा पतझार सजनि अब नयन बसी बरसात री!<br><br>
 
प्राण रमा पतझार सजनि अब नयन बसी बरसात री!<br><br>
  

00:12, 3 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

प्राण रमा पतझार सजनि अब नयन बसी बरसात री!

वह प्रिय दूर पन्थ अनदेखा,
श्वास मिटाते स्मृति की रेखा,
पथ बिन अन्त, पथिक छायामय,
साथ कुहकीनी रात री!

संकेतों में पल्लव बोले,
मृदु कलियों ने आँसू तोले,
असमंजस में डूब गया,
आया हँसती जो प्रात री!

नभ पर दूख की छाया नीली,
तारों की पलकें हैं गीली,
रोते मुझ पर मेघ,
आह रूँधे फिरता है वात री!

लघु पल युग का भार संभाले,
अब इतिहास बने हैं छाले,
स्पन्दन शब्द व्यथा की पाती,
दूत नयन-जलजात री!