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"गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन / जाँ निसार अख़्तर" के अवतरणों में अंतर

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मसरूफ़ किसी काम में देखूँ जो तुझे
 
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तू और भी मुझको नज़र आती है हसीन
 
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18:42, 19 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

गाती हुई हाथों में ये सिंगर की मशीन
क़तरों से पसीने के सराबोर जबीन

मसरूफ़ किसी काम में देखूँ जो तुझे
तू और भी मुझको नज़र आती है हसीन