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"जानवर / कुमार अजय" के अवतरणों में अंतर

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12:38, 27 अक्टूबर 2009 के समय का अवतरण

मेरे अन्दर
एक जानवर है
जो मेरे
अन्दर के आदमी को
सताता है
धमकाता है
और डराए रखता है

फिर भी कई बार
मेरे अन्दर का आदमी
उस दरिंदे की
ज़रूरत महसूस करता है।

जंगल में रहना
मुश्किल है शायद
जानवर हुए बिना !


मूल राजस्थानी से अनुवाद : मदन गोपाल लढ़ा