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"प्रधान और पुल / अरुण कमल" के अवतरणों में अंतर

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उद्घाटन करना था और जैसी प्रथा थी
 
 
पुल पर सबसे पहले उन्हीं को चलना था
 
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प्रधान ने एक बार रस्ते को ताका
 
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और कहा-- भाइयो! लोगो! समझो उद्घाटन हो गया
 
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बात यह थी कि प्रधान को पुल पर भरोसा न था
 
बात यह थी कि प्रधान को पुल पर भरोसा न था
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12:45, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

अपने प्रधान को नए बने पुल का
उद्घाटन करना था और जैसी प्रथा थी
पुल पर सबसे पहले उन्हीं को चलना था

प्रधान ने एक बार रस्ते को ताका
कुछ सोचा
कुछ भाँपा
और कहा-- भाइयो! लोगो! समझो उद्घाटन हो गया
और लौट गए

बात यह थी कि प्रधान को पुल पर भरोसा न था