भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बहूरानी / वर्तिका नन्दा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वर्तिका नन्दा }} {{KKCatKavita‎}} <poem> बड़े घर की बहू को कार स…)
(कोई अंतर नहीं)

23:34, 9 नवम्बर 2009 का अवतरण

बड़े घर की बहू को कार से उतरते देखा
और फिर देखीं अपनी
पाँव की बिवाइयाँ
फटी जुराब से ढकी हुईं
एक बात तो मिलती थी फिर भी उन दोनों में-
दोनों की आँखों के पोर गीले थे