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"तारे हैं / विमल कुमार" के अवतरणों में अंतर

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20:19, 1 जनवरी 2010 के समय का अवतरण

ये हवा के कुछ झोंके हैं
बादलों के कुछ टुकड़े हैं
पानी की बौछारें हैं
जो कुछ भी है मेरे पास
वे अब सब तुम्हारे हैं
तुमसे काहे की जीत
तुमसे तो हम हरदम हारे हैं
जब से तुम घर में आए हो
आँगन में ख़ूब सारे तारे हैं।