भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"फीकी फीकी शाम / धर्मवीर भारती" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=धर्मवीर भारती }} <poem>फीकी फीकी शाम हवाओं में घुटती…)
 
छो (फीकी फीकी शाम (मुक्तक) / धर्मवीर भारती का नाम बदलकर फीकी फीकी शाम / धर्मवीर भारती कर दिया गया है)
(कोई अंतर नहीं)

21:52, 1 जनवरी 2010 का अवतरण

फीकी फीकी शाम हवाओं में घुटती घुटती आवाजें
यूँ तो कोई बात नहीं पर फिर भी भारी भारी जी है,
माथे पर दु:ख का धुँधलापन, मन पर गहरी गहरी छाया
मुझको शायद मेरी आत्मा नें आवाज कहीं से दी है!