भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"है तो है / दीप्ति मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
अनूप.भार्गव (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 24: | पंक्ति 24: | ||
* [[रहें ख़ामोश हम कब तक जो बोलें भी तो बोलें क्या / दीप्ति मिश्र]] | * [[रहें ख़ामोश हम कब तक जो बोलें भी तो बोलें क्या / दीप्ति मिश्र]] | ||
* [[दिल तो पत्थर हो गया धड़कनें लाएँ कहाँ से / दीप्ति मिश्र]] | * [[दिल तो पत्थर हो गया धड़कनें लाएँ कहाँ से / दीप्ति मिश्र]] | ||
− | * [[ / दीप्ति मिश्र]] | + | * [[क्या बताऊँ मैं, कहाँ मेरा खुदा है / दीप्ति मिश्र]] |
− | * [[ / दीप्ति मिश्र]] | + | * [[हम पर तरस न खाओ कोई / दीप्ति मिश्र]] |
* [[ / दीप्ति मिश्र]] | * [[ / दीप्ति मिश्र]] | ||
* [[ / दीप्ति मिश्र]] | * [[ / दीप्ति मिश्र]] |
08:13, 9 फ़रवरी 2010 का अवतरण
है तो है
रचनाकार | दीप्ति मिश्र |
---|---|
प्रकाशक | दिल्ली |
वर्ष | 2002 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | ग़ज़लें |
विधा | |
पृष्ठ | |
ISBN | |
विविध |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- अपूर्ण / दीप्ति मिश्र
- है तो है (ग़ज़ल) / दीप्ति मिश्र
- उसने कितनी सादगी से आज़माया है मुझे / दीप्ति मिश्र
- वो मेरे आसपास था क्यूँ था / दीप्ति मिश्र
- हक़ीक़त की तह तक पहुँच तो गए हैं / दीप्ति मिश्र
- रहें ख़ामोश हम कब तक जो बोलें भी तो बोलें क्या / दीप्ति मिश्र
- दिल तो पत्थर हो गया धड़कनें लाएँ कहाँ से / दीप्ति मिश्र
- क्या बताऊँ मैं, कहाँ मेरा खुदा है / दीप्ति मिश्र
- हम पर तरस न खाओ कोई / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र
- / दीप्ति मिश्र