भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"वह है / अशोक वाजपेयी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक वाजपेयी |संग्रह=उम्मीद का दूसरा नाम / अशोक …) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:34, 20 मार्च 2010 के समय का अवतरण
इस रात में
वह चन्द्रमा है।
इस रास्ते पर
वह घर है।
इस हवा में
वह डोलता वृक्ष है।
इस पानी में,
वह गहरे डूबी अविचल चट्टान है।
इस दरवाज़े पर
वह अदृश्य उँगलियों की छाप है।