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− | + | निर्विकल्प आकार विहीना, मुक्ति, बंध- बंधन सों हीना<br> | |
− | + | मैं तो परमब्रह्म अविनाशी, परे, परात्पर परम प्रकाशी<br> | |
− | + | व्यापक विभु मैं ब्रह्म अरूपा, मैं तो ब्रह्म रूप तदरूपा<br> | |
− | + | चिदानंदमय ब्रह्म सरूपा, मैं शिव-रूपा, मैं शिव-रूपा<br> | |
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− | कविता कोश में [[ | + | कविता कोश में [[मृदुल कीर्ति]] |
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11:50, 29 मार्च 2010 का अवतरण
एक काव्य मोती |
निर्विकल्प आकार विहीना, मुक्ति, बंध- बंधन सों हीना |