भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अवगाहन / तसलीमा नसरीन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=तसलीमा नसरीन }} Category:बांगला <poem> मुझे भला क्या ज…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
20:40, 5 अप्रैल 2010 के समय का अवतरण
|
मुझे भला क्या ज़रूरत किसी चीज़ की
अगर तुम्हें पा लूँ
जी करता है पैरों के पास आकर ठहर जाए शीतल नदी
और मैं खो जाऊँ
मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार