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"शर्त / तसलीमा नसरीन" के अवतरणों में अंतर
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सिर्फ़ हृदय को लेकर बैठे रहना
यह तो मुझसे नहीं चलेगा
मैं तुम्हें निचोड़ कर सारांश चाहती हूँ
तमाम स्वाद लेना चाहती हूँ
चुका दे, जो कुछ जमा है
देह की देनदारी दे जा!
मूल बांग्ला से अनुवाद : मुनमुन सरकार