भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"जाड़ा भूल गया है / ऊलाव हाउगे" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ऊलाव हाउगे |संग्रह= }} Category:नॉर्वेजियाई भाषा <Po…)
 
(कोई अंतर नहीं)

12:24, 1 मई 2010 के समय का अवतरण

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: ऊलाव हाउगे  » जाड़ा भूल गया है

जाड़ा सफ़ेद गायों को
पर्वत पर भूल गया है
जहाँ वे हरी ढलानों पर चरती हैं।

लेकिन वसन्त का सूरज
और घास बहुत बलवान हैं
हर एक दिन गायें
पतली होती जा रही हैं।


अंग्रेज़ी से अनुवाद : रुस्तम सिंह