भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"पता नहीं क्या था / क्रांति" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=क्रांति |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> मेरा, तुम्हारे पास आ…)
(कोई अंतर नहीं)

01:33, 11 मई 2010 का अवतरण

मेरा, तुम्हारे पास आना
तीर-बिंधे हंस का
सिध्दार्थ के पास आना था;

तुम्हारा मुझे
देवव्रतों को सौंप देना
पता नहीं क्या था।