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"15 जून 1982 / लीलाधर मंडलोई" के अवतरणों में अंतर
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− | मैं | + | मैं चीख़ता हूँ बिनआवाज़ |
नहीं दीखता डॉक्टर का चेहरा | नहीं दीखता डॉक्टर का चेहरा | ||
− | नर्स की आकृति | + | नर्स की आकृति नज़र नहीं आती |
सुनाई तक नहीं देता कुछ | सुनाई तक नहीं देता कुछ | ||
− | भूलने | + | भूलने लगतीं सबसे प्रिय कविता की पंक्तियाँ |
जद्दोजहद के बावजूद याद नहीं आती भरोसे की किताब | जद्दोजहद के बावजूद याद नहीं आती भरोसे की किताब | ||
तैरती है ऊपर कोई हिंस्त्र छाया | तैरती है ऊपर कोई हिंस्त्र छाया | ||
− | मैं टटोलना चाहता | + | मैं टटोलना चाहता हूँ ख़ुद के होने को |
− | गिरता है | + | गिरता है अँधेरे में मेरा दाहिना हाथ |
थाम लिया जाता है अधबीच जो | थाम लिया जाता है अधबीच जो | ||
− | मैं इस थामने को 15 जून 1982 से जानता | + | मैं इस थामने को 15 जून 1982 से जानता हूँ। |
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12:39, 19 मई 2010 का अवतरण
मैं चीख़ता हूँ बिनआवाज़
नहीं दीखता डॉक्टर का चेहरा
नर्स की आकृति नज़र नहीं आती
सुनाई तक नहीं देता कुछ
भूलने लगतीं सबसे प्रिय कविता की पंक्तियाँ
जद्दोजहद के बावजूद याद नहीं आती भरोसे की किताब
तैरती है ऊपर कोई हिंस्त्र छाया
मैं टटोलना चाहता हूँ ख़ुद के होने को
गिरता है अँधेरे में मेरा दाहिना हाथ
थाम लिया जाता है अधबीच जो
मैं इस थामने को 15 जून 1982 से जानता हूँ।