भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"तुम-1 / सलमा" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सलमा }} {{KKCatKavita}} <poem> तुम्हारे बारे में मेरे ख़याला…) |
(कोई अंतर नहीं)
|
13:07, 4 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
तुम्हारे बारे में
मेरे ख़यालात
मेरे भीतर जगाते हैं
दुनिया के इतर पुरुषों के
घृणित बिम्ब
मूल तमिल से अनुवाद : कमलिनी दत्त