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"रसने, रटु सुंदर हरि नाम / भारतेंदु हरिश्चंद्र" के अवतरणों में अंतर
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20:10, 10 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
रसने, रटु सुंदर हरि नाम।
मंगल-करन हरन सब असगुन करन कल्पतरु काम।
तू तौ मधुर सलौनो चाहत प्राकृत स्वाद मुदाम।
’हरीचंद’ नहिं पान करत क्यों कृष्ण-अमृत अभिराम॥