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"केंचुआ / मनोज श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर
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'''केंचुआ''' | '''केंचुआ''' | ||
− | केंचुआ पैदाइशी अंधा नहीं होता | + | केंचुआ |
− | वह भीरु होता है, | + | पैदाइशी अंधा नहीं होता |
+ | --वह भीरु होता है, | ||
कुछ बेहतर कर गुजरने की चाह में | कुछ बेहतर कर गुजरने की चाह में | ||
सिर टकरा-टकराकर | सिर टकरा-टकराकर | ||
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एक उपजाऊ व्यवस्था का | एक उपजाऊ व्यवस्था का | ||
− | क्या सचमुच केंचुआ बनने का | + | क्या सचमुच |
+ | केंचुआ बनने का | ||
दमखम है हममें, | दमखम है हममें, | ||
− | नि:संदेह केंचुआ बनने के लिए | + | नि:संदेह! |
+ | केंचुआ बनने के लिए | ||
हमें अपने भौतिक-अभौतिक अस्तित्त्व को | हमें अपने भौतिक-अभौतिक अस्तित्त्व को | ||
खंगालना होगा, | खंगालना होगा, | ||
− | खुद को एक परिशोधन | + | खुद को |
+ | एक परिशोधन-शाला बनाना होगा. |
17:42, 14 जुलाई 2010 के समय का अवतरण
केंचुआ
केंचुआ
पैदाइशी अंधा नहीं होता
--वह भीरु होता है,
कुछ बेहतर कर गुजरने की चाह में
सिर टकरा-टकराकर
अपनी आँखें फोड़ देता है
केंचुआ भ्रष्टाचार नहीं करता
वह विष, कार्बन, रेत-रेह
सब निगलकर
जन्म देता है--
एक उपजाऊ व्यवस्था का
क्या सचमुच
केंचुआ बनने का
दमखम है हममें,
नि:संदेह!
केंचुआ बनने के लिए
हमें अपने भौतिक-अभौतिक अस्तित्त्व को
खंगालना होगा,
खुद को
एक परिशोधन-शाला बनाना होगा.