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11:53, 2 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

घोंघे का अपने ही घर में
दुबके रहना !
किसी के लिए ढोंग,
तो
किसी के लिए मज़बूरी...
ख़ुद उसके लिए ?-

प्रकृति और परिवेश का
अनोखा सम्बन्ध ।