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"काम करेगी उसकी धार / हस्तीमल 'हस्ती'" के अवतरणों में अंतर

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बोरी भर मेहनत पीसूँ  
 
निकले इक मुट्ठी भर सार
 
निकले इक मुट्ठी भर सार
  

20:43, 3 अगस्त 2010 का अवतरण

काम करेगी उसकी धार
बाकी लोहा है बेकार

कैसे बच सकता था मैं
पीछे ठग थे आगे यार

बोरी भर मेहनत पीसूँ
निकले इक मुट्ठी भर सार

भूखे को पकवान लगें
चटनी, रोटी, प्याज, अचार

जीवन है इक ऐसी डोर
गाठें जिसमें कई हजार

सारे तुगलक चुन-चुन कर
हमने बना ली है सरकार

शुक्र है राजा मान गया
दो दूनी होते हैं चार