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"स्वप्न / अमृता भारती" के अवतरणों में अंतर

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00:52, 13 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

वह मेरा
हर स्वप्न चुरा लेता था
कि मैं
गहरी नींद में सो सकूँ ।

जागने पर
उसने
एक-एक कर
लौटाए थे
मेरे स्वप्न
'शिलातल' की मुग्धता में ।