भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"गौना / सौमित्र सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सौमित्र सक्सेना |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> जब-जब भी उड़…)
 
(कोई अंतर नहीं)

01:06, 31 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

जब-जब भी उड़ के जाता हूँ
ढेर सारी बरियाँ भर लेता हूँ चोंच में
रास्ते में भूख बहुत लगती है

लौटने पे वो
कुछ न कुछ
दे ही देती है साथ में

जब जब भी वहाँ जाता हूँ
साँसे भर लेता हूँ ध्वनियों से

अब कि
सब कह ही दूँगा उसको
लौटने पे
ले ही आऊँगा साथ ।