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"पहचान / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: Dhuen ke saath oopar uthunga mein, Bachho jise tum kahte ho carbon die oxide, wahi ban kar chaa jaunga mein ped kahi honge to aur hare ho jayenge, fal kahi honge to aur pa…)
 
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Dhuen ke saath oopar uthunga mein,
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धुंए के साथ ऊपर उठूँगा मैं,
Bachho jise tum kahte ho carbon die oxide,
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बच्चो जिसे तुम पढ़ते हो कार्बन दाई आक्साइड,
wahi ban kar chaa jaunga mein
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वही बन कर छा जाऊंगा मैं,
ped kahi honge to aur hare ho jayenge,
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पेड़ कहीं होंगे तो और हरे हो जायेंगे,
fal kahi honge to aur pak jayege.
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फल कहीं होंगे तो और पाक जायेंगे.
 
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जब उन फलों की मिठास तुम तक पहुंचेगी,
jab un falon ki mithaas tum tak pahunchegi,
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या हरियाली भली लगेगी,
ya hariyaali bhali lagegi,
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तब तुम मुझे पहचान लोगे,
tab tum mujhe pehchaan lohge,
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और कहोगे, "अरे  पापा"
aur kahoge, "arey paapaa"
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18:08, 8 सितम्बर 2010 का अवतरण

धुंए के साथ ऊपर उठूँगा मैं, बच्चो जिसे तुम पढ़ते हो कार्बन दाई आक्साइड, वही बन कर छा जाऊंगा मैं, पेड़ कहीं होंगे तो और हरे हो जायेंगे, फल कहीं होंगे तो और पाक जायेंगे. जब उन फलों की मिठास तुम तक पहुंचेगी, या हरियाली भली लगेगी, तब तुम मुझे पहचान लोगे, और कहोगे, "अरे पापा"