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"आज तो मन अनमना / रामकुमार कृषक" के अवतरणों में अंतर
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आदमी मिलना बहुत मुश्किल हुआ | आदमी मिलना बहुत मुश्किल हुआ | ||
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और मिलता है तो रह पाता नहीं | और मिलता है तो रह पाता नहीं | ||
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दूसरों के नंगपन पर आँख है | दूसरों के नंगपन पर आँख है | ||
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दूसरों की आँख सह पाता नहीं | दूसरों की आँख सह पाता नहीं | ||
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मालियों की भीड़ तो हर ओर है | मालियों की भीड़ तो हर ओर है | ||
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किंतु कोई फूल गंधाता नहीं | किंतु कोई फूल गंधाता नहीं | ||
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सामने है रास्ता सबके मगर | सामने है रास्ता सबके मगर | ||
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रास्ता तो खुद कहीं जाता नहीं | रास्ता तो खुद कहीं जाता नहीं | ||
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धमनियों में खून के बदले धुआँ | धमनियों में खून के बदले धुआँ | ||
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हड्डियाँ क्यों कोई दहकाता नहीं | हड्डियाँ क्यों कोई दहकाता नहीं | ||
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19:36, 12 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
आज तो मन अनमना गाता नहीं
खुद बहल औरों को बहलाता नहीं
आदमी मिलना बहुत मुश्किल हुआ
और मिलता है तो रह पाता नहीं
ग़लतियों पर गलतियाँ करते सभी
ग़लतियों पर कोई पछताता नहीं
दूसरों के नंगपन पर आँख है
दूसरों की आँख सह पाता नहीं
मालियों की भीड़ तो हर ओर है
किंतु कोई फूल गंधाता नहीं
सामने है रास्ता सबके मगर
रास्ता तो खुद कहीं जाता नहीं
धमनियों में खून के बदले धुआँ
हड्डियाँ क्यों कोई दहकाता नहीं