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"कोई शहर गुमशुदा है / शेरजंग गर्ग" के अवतरणों में अंतर
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नई कोंपलों पे छाया यहाँ कोहरा घना है | नई कोंपलों पे छाया यहाँ कोहरा घना है | ||
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ज़रा रूप अपना देखो मेरा दर्द आईना है | ज़रा रूप अपना देखो मेरा दर्द आईना है | ||
08:29, 18 सितम्बर 2010 के समय का अवतरण
कोई शहर गुमशुदा है कोई गाँव अनमना है
इन्हीं खास उलझनों से नया आदमी बना है
अभी रोशनी का टुकड़ा, नहीं आसमाँ से उतरा
नई कोंपलों पे छाया यहाँ कोहरा घना है
तुम्हे चन्द मुँहलगों ने बहका दिया है शायद
ज़रा रूप अपना देखो मेरा दर्द आईना है
नहीं मंज़िलों को मैंने दिया दोस्तों का दर्ज़ा
सभी कामयाबियों से मेरा युद्ध-सा ठना है
मेरे ख़ुशनुमा इरादो, मेरी देखभाल करना
किसी और से नहीं है, मेरा खुद से सामना है