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मुक्तक / कुमार विश्वास

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|रचनाकार=कुमार विश्वास
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रचनाकार: '''कविता-संग्रह [[कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास|कोई दीवाना कहता है (2007)]]से'''<br><br>
[[Category:मुक्तक]] 1.
[[Category:कुमार विश्वास]]  ~*~*~*~*~*~*~*~~*~*~*~*~*~*~*~    1.बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेडे सह नही पाया
हवाऒं के इशारों पर मगर मै बह नही पाया
2. बस्ती बस्ती घोर उदासी पर्वत पर्वत खालीपन
मन हीरा बेमोल बिक गया घिस घिस रीता तन चंदन
3. तुम्हारे पास हूँ लेकिन जो दूरी है समझता हूँ
तुम्हारे बिन मेरी हस्ती अधूरी है समझता हूँ
4. पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या
जो दिल हारा हुआ हो उस पर फिर अधिकार करना क्या
5. समन्दर पीर का अन्दर है लेकिन रो नही सकता
ये आँसू प्यार का मोती है इसको खो नही सकता
जो मेरा हो नही पाया वो तेरा हो नही सकता
 
 
'''कोई दीवाना कहता है (२००७) में प्रकाशित'''