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"उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती / कुमार विश्वास" के अवतरणों में अंतर

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'''कविता-संग्रह [[कोई दीवाना कहता है / कुमार विश्वास|कोई दीवाना कहता है (2007)]] से'''<br><br>
  
 
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती
 
उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती
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मै जहाँ हूँ उधर नही मिलती
 
मै जहाँ हूँ उधर नही मिलती
 
'''कोई दीवाना कहता है (२००७) मे प्रकाशित'''
 

17:09, 3 जून 2007 का अवतरण

कविता-संग्रह कोई दीवाना कहता है (2007) से

उनकी ख़ैरो-ख़बर नही मिलती

हमको ही खासकर नही मिलती


शायरी को नज़र नही मिलती

मुझको तू ही अगर नही मिलती


रूह मे, दिल में, जिस्म में, दुनिया

ढूंढता हूँ मगर नही मिलती


लोग कहते हैं रुह बिकती है

मै जहाँ हूँ उधर नही मिलती