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दुख में सुमरिन सब करे, सुख मे करे न कोय । <br>
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दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते,<br>
जो सुख मे सुमरिन करे, दुख काहे को होय ॥<br>
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टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते|<br>
 
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कविता कोश में [[कबीर]]
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कविता कोश में [[अटल बिहारी वाजपेयी]]
 
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10:17, 31 मई 2008 का अवतरण

 एक काव्य मोती
Pearl.jpg

दाँव पर सब कुछ लगा है, रुक नहीं सकते,
टूट सकते हैं मगर हम झुक नहीं सकते|
कविता कोश में अटल बिहारी वाजपेयी