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"समरपण / मणि मधुकर" के अवतरणों में अंतर

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(नया पृष्ठ: <poem>आतमां रै सांच री ज्यूं अणघड़ उछाव नै उजास रै उणियार री ज्यूं धव…)
 
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<poem>आतमां रै सांच री ज्यूं
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आतमां रै सांच री ज्यूं
 
अणघड़ उछाव
 
अणघड़ उछाव
 
नै
 
नै

01:03, 31 अक्टूबर 2010 का अवतरण

आतमां रै सांच री ज्यूं
अणघड़ उछाव
नै
उजास रै उणियार री ज्यूं धवळौ
औ हंसौ
चुगै
ऊंडा समंद-सरोवरां रा
मोत्यां बिचला आखर
अर जद
खोलै
आपरा पवनगत पंख
तौ लांघै सिरजण-सामरथ रा
अलंघ-अणसुण्या भाखर!

जिण री मुळक सूं
मिनखापण माथै विसास रा फूल झड़ै
नै दुखां रा दाव मंगसा पड़ै
अगम पंथां रौ
औ एक अळगौ जातरी!

इण ओळियां री ओळखांण साथै
ऐ कवितावां
हेताळू हाथां में!