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जुवान होंवती बेटी
जद घर सूं बारै जावै
तद
कितै लोगां री
भूखी आंख्यां रौ
सा'मणौ करै
उणां री फब्तियां सुणै
अर फेर भी
बा' कित्ती सै'र रै'वै
पण
आपरै मन री पीड़ा
बा' किणी नै नीं कै'वै ।