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"परदै माथै रामजी / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>जद सूं
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जद सूं
 
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परदै माथै रामजी
 
परदै माथै रामजी

16:50, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

जद सूं
आवण लाग्या है
परदै माथै रामजी
आठ सूं साठ तांई
सगळां नै
उणा सूं ई काम जी

थारी-म्हारी सुख-सीता नै
दाब्यां बैठा है
घर-घर छोटा-मोटा रावण
पण
उणानै मारणिया राम कठै ?

जद परदै माथै आवै राम जी
घर-गळी-गांव-शहर रा
रावण नमावै शीश –
थे हो म्हारां रामजी !
म्हांरा व्हाला रामजी !
म्हारां रूखाळा रामजी !
नित आया करो रामजी !
जय हो थांरी रामजी !!