भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
बोली तूं सुरतां / प्रमोद कुमार शर्मा
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:43, 18 दिसम्बर 2010 का अवतरण
बोली तूं सुरतां
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार | प्रमोद कुमार शर्मा |
---|---|
प्रकाशक | बोधी प्रकाशन, जयपुर |
वर्ष | अप्रैल, 2005 |
भाषा | राजस्थानी |
विषय | कविता |
विधा | |
पृष्ठ | 80 |
ISBN | 81-87697-73-3 |
विविध | काव्य |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।