भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन का संग्राम जंगली / लाला जगदलपुरी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:25, 21 दिसम्बर 2010 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

इस धरती के राम जंगली,
इसके नमन-प्रणाम जंगली ।

कुडई, कुंद, झुईं सम्मोहक,
वन-फूलों के नाम जंगली ।

वन्याओं-सी वन छायाएँ,
हलवाहे-सा घाम जंगली ।

भरमाते चाँदी के खरहे,
स्वर्ण-मृगों के चाम जंगली ।

यहाँ प्रभात ‘पुष्पधंवा’-सा,
मीनाक्षी-सी शाम जंगली ।

शकुंतला-सी प्रीति घोटुली,
दुष्यंती आयाम जंगली ।

दिशाहीन, अंधी आस्था के,
जीवन का संग्राम जंगली ।