भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
कमल / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:35, 11 जनवरी 2011 का अवतरण ("कमल / केदारनाथ अग्रवाल" सुरक्षित कर दिया ([edit=sysop] (indefinite) [move=sysop] (indefinite)))
उनको
मेरा नमन्
कमल के खिले नयन का
जो जल थल के मिले योग से
मृदु मृणाल पर जनमे
महाकाल के सूक्ष्म तत्व से विकसे
अग्निमुखी ऊर्जा के तप से निखरे
पवन प्राण में
रचनाकाल: संभावित १९७१