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ब्रह्ममुहरत / श्याम महर्षि

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झांझरकै सूं पैलां ई
अगूणै बास रै
ताऊ, चाचै अर भूआ रै
घरां माथै
सूरज रै उजास री ललाई
पळका मारै,

पोळी-दरूजा अर हटड़ी
रै सांकळ-कूंटा रा
खुड़का,
बरतणा री
खड़बड़ाट
बियां ई सुणिजै,

भारी-भूंगरै रो कारज
अर पूजापाठ करीजै
रोजीना बियां ई,
सुणीजै
सूरज उगाळी रै टैम
आंवती मेळ री सीटी,

खेड़ै मांय
बाजरै री कूंकूं पळका मारै
अर तोरूं रै फूलां री महक
म्हारै मन मांय जगावै उच्छाव,

ग्रामोफोन री
ऊंची आवाज सूं
सुणीजै कठैई
भजन ब्रह्ममुहरत रा।