भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

राम नाम ! / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:12, 17 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सोनै रो पींजरो
मखमल री खोली
रतन बाटकां में
दाड़म‘र दाख
सिखावै सूवटै नै
बोल मिट्ठू
राधेस्याम
सामूंसाम
गळी में बैठो
भूखो सूरदास
छोड़ दिया पिराण
रट रट‘र नाम !