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आशा का गीत / गोरख पाण्डेय
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आएँगे, अच्छे दिन आएँगें,
गर्दिश के दिन ये कट जाएँगे ।
सूरज झोपड़ियों में चमकेगा,
बच्चे सब दूध में नहाएँगे ।
सपनों की सतरंगी डोरी पर
मुक्ति के फ़रहरे लहराएँगे ।