भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तिनका / शिवदयाल

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।


करने को
जब कुछ नहीं
तो कुतरते रहो
उसे मुँह में ले
कि भर जाए कुछ खालीपन ।

जब पंछी घोंसले में
सहेज कर रखते हैं उसे
तब उसमें
कितना होता है वज़न !

इतना रौंदे जाने के बाद भी
डूबने वाला
ढूँढ़ता है सहारा
एकमात्र उसका !

कैसा आश्चर्य है,
वह वहाँ है
जहाँ और कोई तारणहार नहीं !

यह ‘कुछ नहीं’ से
‘कुछ’ होने के दरम्यान
वह कहाँ रह जाता है
सिर्फ़ तिनका !