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एकलपौ-2 / पूर्ण शर्मा पूरण
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रूसेड़ी सी धरती
ऐरकेड़ौ सौ
आभौ
कदै-कदै चिलकता
डर्योड़ा सा तारा
अर
च्यांचप अंधारौ
सैंग एकला है
म्हारली दांई