भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
एकलपौ-4 / पूर्ण शर्मा पूरण
Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:36, 16 अक्टूबर 2013 का अवतरण
म्हैं जागूं
पंण
होळै सीक
पसवाड़ौ फोर्यां सूत्यौ है
म्हारै भीतर एकलपौ